3 अक्टूबर 2024 को शुरू हुआ मातृ पूजा और शक्ति साधना का महापर्व नवरात्रि आज अपने समापन पड़ाव की ओर है। इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्याओं को मां का स्वरूप माना गया है। ऐसे में कन्या पूजन करने से साधक को मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान में छोटी-छोटी कन्याओं का सम्मान किया जाता है, जो देवी दुर्गा के अवतार का प्रतिनिधित्व करती हैं। कन्या पूजा, जिसे कंजक पूजा भी कहा जाता है, आमतौर पर यह नवरात्रि के आठवें या नौवें दिन की जाती है।
कन्या पूजन विधि
कन्याओं के पैर धोकर उन्हें आसन पर बिठाएं।
उनकी कलाइयों के चारों ओर कलावा बांधें।
माथे पर कुमकुम लगाएं।
पूड़ी, हलवा, काला चना और नारियल को प्रसाद के रूप में खिलाएं।
कन्याओं को दुपट्टे, चूड़ियां और नए वस्त्र उपहार में दें।
कन्याओं के पैर छूएं और उनका आशीर्वाद लें।
अंत में दक्षिणा देकर विदाई करें।
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