आज बुद्ध पूर्णिमा है। यह पर्व वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे ‘त्रैवेदिक उत्सव’ कहा जाता है।
आज बुद्ध पूर्णिमा है। यह पर्व वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे ‘त्रैवेदिक उत्सव’ कहा जाता है। वैशाख पूर्णिमा को पीपल वृक्ष की पूजा करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। यह दिन श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है, क्योंकि मान्यता है कि पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है। इसी कारण इसे ‘पीपल पूर्णिमा’ भी कहा जाता है।
बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति भी पीपल वृक्ष के नीचे ही हुई थी, जिसे ‘बोधि वृक्ष’ कहा जाता है। इस दिन पीपल पर जल, दूध और काले तिल अर्पित करना पितरों की कृपा पाने हेतु लाभकारी माना गया है। साथ ही, पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर पूर्वजों को स्मरण करना भी शुभ होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा घर में सुख समृद्धि आती है। इस दिन ग्रहदोष निवारण हेतु विशेष रूप से शनि, राहु, केतु और गुरु के अशुभ प्रभाव को शांत करने के लिए पीपल की पूजा की जाती है।
स्नान कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अभिषेक करें। पंचामृत व गंगाजल से पूजन कर लाल फूल, चंदन, श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। दीप प्रज्वलित करें, व्रत लें और व्रत कथा पढ़ें। श्री लक्ष्मी सूक्तम व आरती करें, खीर का भोग लगाएं और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
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