महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का बहुत पवित्र त्योहार माना जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। ये दिन भगवान शिव की पूजा-अराधना के लिए बहुत पावन माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन लोग पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान शिव का पूजन और रुद्राभिषेक करते हैं। महाशिवरात्रि का दिन शिव की भक्ति, पूजन और व्रत से पूर्ण होता है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली आती है। जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन किस विधि से रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसका शुभ मुहूर्त और नियम क्या है।
कब है महाशिवरात्रि ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इसी दिन इसका व्रत और भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाएगा।
जलाभिषेक और रुद्राभिषेक शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का प्रातः काल मुहूर्त 6 बजकर 47 मिनट से शुरु होगा और 9 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस दिन मध्यान्ह मुहूर्त 11 बजकर 6 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। संध्याकालीन मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। रात्रिकालीन मुहूर्त 8 बजकर 54 मिनट से शुरू होगा और 12 बजकर 1 मिनट तक रहेगा।
रुद्राभिषेक की विधि
- महाशिवरात्रि के सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
- इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
- इसके बाद रुद्राभिषेक के लिए शिवलिंग उत्तर दिशा में स्थापित करना चाहिए।
- रुद्राभिषेक के दौरान अपना मुख पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
- फिर श्रृंगी में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
- इस दौरान :ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, सरसों का तेल और इत्र चढ़ाना चाहिए।
- भगवान को सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
- पान का पत्ता, अक्षत, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक के फूल और भस्म चढ़ना चाहिए।
- धूप और दीपक जलाना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र और शिव तांडव स्रोत का जाप करना चाहिए।
- अंत में आरती करनी चाहिए और रुद्राभिषेक के जल को पूरे घर में छिड़कना चाहिए।
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