दुनियाभर में मातारानी के 51 शक्तिपीठ हैं। कहा जाता है कि जब महादेव पत्नी वियोग में देवी सती का पार्थिव शरीर लेकर ब्रह्मांड में घूम रहे थे, तो प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा। इस संतुलन को पुन: स्थापित करने के लिए विष्णु ने सुदर्शन से देवी सती के पार्थिव शरीर के 51 टुकड़े कर दिए थे। ये टुकड़े जिन स्थानों पर गिरे थे, वहां एक शक्तिपीठ की स्थापना हुई। इसी कड़ी में माता के 51 शक्तिपीठों में से एक मथुरा के वृंदावन में भी है। इस शक्तिपीठ को कात्यायनी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि यहां मातारानी के केश गिरे थे। दूर दूर से भक्त यहां आकर मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्र के मौके पर देश-विदेश से लाखों भक्त माता के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। बताया जाता है कि राधारानी ने भी श्रीकृष्ण को पाने के लिए इस शक्तिपीठ की पूजा की थी।
माता के 51 शक्तिपीठों में से एक मथुरा के वृंदावन में भी है। इस शक्तिपीठ को कात्यायनी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि यहां मातारानी के केश गिरे थे।
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