वैसे तो हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्ट चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। लेकिन माध में आने वाली चतुर्थी तिथि को सकट चौथ कहते है। इस बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस व्रत को तिलवा और तिलकुटा भी कहा जाता है। यह व्रत महिलाए अपनी संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए करती हैं। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत करके रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करती हैं।
सकट चौथ कब है?
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 17 जनवरी को सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 18 जनवरी को सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर होगा। इस प्रकार उदया तिथि के अनुसार, सकट चौथ का व्रत शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 को किया जाएगा। सकट चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा की पूजा करने के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है। इस दिन चंद्रोदय का समय रात 9 बजकर 9 मिनट पर होगा।सकट चौथ पूजा विधि
सकट चौथ के दिन पूजा और व्रत करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। ।
उसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। ।
फिर पूजा स्थल की साफ सफाई कर एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।।
उसके बाद सिंदूर का तिलक लगाएं और घी का दीपक जलाएं।।
फिर भगवान गणेश की प्रतिमा पर फूल, फल और मिठाइयां अर्पित करें।।
पूजा में तिलकुट का भोग जरूर शामिल करें।।
उसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें। अंत में बप्पा की आरती और शंखनाद से पूजा पूर्ण करें।
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