भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन 2025 में हो रहा है। लाखों की संख्या में भक्त महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे। इसके साथ ही प्रयागराज में कई ऐसे मंदिर भी हैं जहां श्रद्धालु दर्शन हेतु जाएंगे। यह मंदिर बहुत प्राचीन माना जाता है। इस मंदिर में जो देवी विराजमान हैं, उनका जिक्र कई पुराणों में भी मिलता है। इसे शक्ति पीठों में से एक भी माना जाता है। पद्म पुराण के साथ ही मत्स्य और ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी माता कल्याणी देवी का वर्णन मिलता है। धार्मिक मतानुसार, महान महर्षि याज्ञवल्क्य ने इस स्थान पर ध्यान और साधना की थी। साथ ही उनके द्वारा ही मां कल्याणी की 32 अंगुल की प्रतिमा यहां स्थापित की गई थी।
मां कल्याणी देवी का महत्व
मां कल्याणी देवी को आद्याशक्ति का रूप माना जाता है। कहा जाता है कि, माता हर उस श्रद्धालु की मनोकामना पूरी करती हैं जो भक्ति भाव के साथ माता के दरबार में पहुंचता है। इस मंदिर में साल भर श्रद्धालु आते हैं। साल 2025 में महाकुंभ मेले के दौरान भी यहां बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगेगा। माता का यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का भी केंद्र माना जाता है। आप इस मंदिर में प्रवेश करने के बाद मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
मंदिर से जुड़ी खास बातें
यह मंदिर अतिप्राचीन माना जाता है। इसका पुनर्निर्माण कई राजाओं और सम्राटों के द्वारा समय-समय पर करवाया गया। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान न केवल देवी कल्याणी के पूजन के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यहां कई साधु-संतों ने ज्ञान की प्राप्ति भी की है। कई तपस्वी इस स्थान पर तपस्या करके सत्य के मार्ग पर अग्रसर हुए हैं।
इस मंदिर की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है। प्राचीन शैली की वास्तुकला से बने होने के कारण इस मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता बढ़ जाती है। इस मंदिर में लगी देवी माता की मूर्ति एक शिला से बनी हुई है, जोकि अति मनमोहक है। महाकुंभ और नवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में माता कल्याणी देवी मंदिर में भक्त माता के दर्शन करने आते हैं।
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