हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह पावन पर्व कल, 27 दिसंबर को मनाया जाएगा।
हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह पावन पर्व दूसरी बार कल, 27 दिसंबर को मनाया जाएगा। गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु थे। वर्ष 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी। अपने जीवनकाल में उन्होंने सत्य, धर्म और मानवता की सेवा का मार्ग दिखाया। गुरु गोविंद सिंह जी के पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम माता गुजरी था।
359वीं जयंती पर विशेष उत्सव
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास की सप्तमी तिथि की शुरुआत 26 दिसंबर 2025 को दोपहर 1:43 बजे हुई है, जबकि इसका समापन 27 दिसंबर 2025 को दोपहर 1:09 बजे होगा। इसी आधार पर कल गुरु गोविंद सिंह जी की 359वीं जयंती पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जाएगी। इस पावन अवसर पर देश भर के गुरुद्वारों में भक्ति और आस्था का अद्भुत स्वरूप देखने को मिलता है।
गुरुद्वारों में होगा कीर्तन और लंगर
जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में अखंड पाठ साहिब का आयोजन किया जाता है और कीर्तन के माध्यम से गुरु साहिब की शिक्षाओं को स्मरण किया जाता है। कई स्थानों पर भव्य नगर कीर्तन निकाले जाते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस दिन गुरुद्वारों में लंगर आयोजित कर लोगों को भोजन कराया जाता है और जरूरतमंदों की सहायता की जाती है। श्रद्धालु अपने घरों में भी गुरबाणी पाठ कर गुरु साहिब के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।
गुरु साहिब की शिक्षाओं का संदेश
गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने उपदेशों के माध्यम से सदैव साहस, निडरता, सच्चाई और मानव सेवा का मार्ग दिखाया। उनकी शिक्षाएं आज भी समाज को प्रेरित करती हैं और सत्य व धर्म के मार्ग पर चलने की सीख देती हैं।
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