शारदीय नवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मा और चेतना को जाग्रत करने का उत्सव है। यह समय देवी शक्ति के नौ स्वरूपों की आराधना का है, जहाँ साधक शक्ति को केवल बाहरी पूजा में नहीं बल्कि अपने भीतर भी अनुभव करता है।
शारदीय नवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मा और चेतना को जाग्रत करने का उत्सव है। यह समय देवी शक्ति के नौ स्वरूपों की आराधना का है, जहाँ साधक शक्ति को केवल बाहरी पूजा में नहीं बल्कि अपने भीतर भी अनुभव करता है। भारतीय दर्शन में शक्ति को सृष्टि की मूल ऊर्जा माना गया है – वही ऊर्जा जो जीवन को गति देती है और हमें संघर्षों का सामना करने की क्षमता प्रदान करती है।
नवरात्रि की साधना का संदेश है कि हर मनुष्य के भीतर असीम शक्ति छुपी हुई है। जब हम माता दुर्गा के नव रूपों की उपासना करते हैं तो यह केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं होता, बल्कि यह हमारे भीतर की नकारात्मक प्रवृत्तियों – जैसे आलस्य, मोह, क्रोध और अहंकार – पर विजय पाने का अभ्यास भी है। इस साधना के माध्यम से साधक धीरे-धीरे आत्मबल, धैर्य और सकारात्मकता को अपने जीवन में स्थिर करता है।
आध्यात्मिक दृष्टि से नवरात्रि आत्मशुद्धि और साधना का उत्तम काल है। इस दौरान उपवास, जप, ध्यान और संयम साधक को भीतर से निर्मल और दृढ़ बनाते हैं। योग और तंत्र दर्शन के अनुसार शक्ति साधना साधक को अपने भीतर स्थित "कुंडलिनी ऊर्जा" से जोड़ती है, जो क्रमशः जागृत होकर उसे उच्च चेतना की ओर ले जाती है। यही कारण है कि नवरात्रि को साधना और आत्मानुशासन के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है।
साधारण जीवन में भी इस साधना का गहरा महत्व है। नवरात्रि का उपवास केवल शरीर को हल्का नहीं करता, बल्कि मन को भी संयमित करता है। देवी के प्रति भक्ति साधक को यह अनुभव कराती है कि जीवन की वास्तविक शक्ति धन, पद या बाहरी साधनों में नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, श्रद्धा और भीतर की ऊर्जा में है। यही दर्शन नवरात्रि को विशेष बनाता है – शक्ति की उपासना के साथ आत्मजागरण की यात्रा।
नवरात्रि हमें सिखाती है कि हर व्यक्ति के भीतर एक "दुर्गा" है, जो कठिनाइयों से लड़ने और अंधकार को प्रकाश में बदलने की क्षमता रखता है। जब हम शक्ति साधना करते हैं, तो यह केवल पूजा का क्रम नहीं रहता, बल्कि जीवन को सजग, संतुलित और ऊर्जावान बनाने की आध्यात्मिक प्रक्रिया बन जाता है। यही शारदीय नवरात्रि का वास्तविक संदेश है – शक्ति की खोज बाहर नहीं, बल्कि अपने भीतर करना।
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