Tech: इंसानों की तरह लिखने और सवालों के उत्तर देने में सक्षम चैटजीपीटी (ChatGPT) पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। ओपेनएआइ के इस व्यापक लैंग्वेज माडल ने गूगल जैसी कंपनियों को भी नये सिरे से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। एक अनुमान के अनुसार 2018 से 2023 के बीच कंपनियों ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) क्षमता को दोगुना कर दिया है।
इन कामों में होगा मददगार
ओपेनएआइ द्वारा विकसित चैटजीपीटी (ChatGPT) अब तक का सबसे एडवांस चैटबाट है। उसी के शब्दों में कहें, तो यह प्रश्नों का उत्तर देने, सूचना प्रदान करने और निर्णय लेने में मददगार टूल है। यूजर इनपुट को समझने और उस पर प्रतिक्रिया देने के लिए चैटजीपीटी नेचुरल लैंग्वेज प्रासेसिंग का प्रयोग करता है। यह मशीनी दिमाग टेक्स्ट जेनरेट करने से लेकर तरह-तरह की ग्राहक सेवाओं जैसे कार्यों को आसानी से कर सकता है।
-गणित के कठिन प्रश्नों को हल करने के लिए।
-प्रोग्रामिंग में कोड लिखने और उसे जांचने में।
-जटिल विषयों को आसान भाषा में समझाने में।
-रिज्यूमे और कवर लेटर लिखने में।
-किसी विषय पर निबंध तैयार करने में।
-ग्राहक सेवाओं में समस्याओं और शिकायतों के निदान में।
नौकरीयों के लिए बन रहा खतरा!
हालांकि इस सवाल के जवाब में खुद चैटजीपीटी कहता है कि मशीन इंटेलीजेंस से कुछ तरह की नौकरियां खत्म हो सकती हैं, लेकिन इस तकनीक से रोजगार के नये मौके भी बनेंगे। चूंकि मशीन इंटेलीजेंस का कार्य पुनरावृत्ति, अनुमान और डेटा पर आधारित होता है, ऐसे में आटोमेशन इस तरह कार्यों के लिए खतरा बन सकता है। हालांकि, रचनात्मक, मानव संपर्क और क्रिटिकल थिंकिंग वाली नौकरियों पर इस तरह के आटोमेशन का प्रभाव न्यूनतम ही रहेगा। मशीन इंटेलिजेंस का प्रयोग करके नयी-नयी तरह की नौकरियों का सृजन किया जा सकता है।
खतरा हो सकती है मशीनें
चैटजीपीटी से भले ही बेशुमार फायदों की उम्मीद की जा रही हो, लेकिन इससे कुछ खतरे भी हैं। चूंकि यह इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों को एक्सेस करता है, ऐसे में इससे गलत और भ्रामक जानकारी भी मिल सकती है। दूसरा, इसका प्रयोग वित्तीय धोखाधड़ी, गोपनीयता में सेंध और डेटा चोरी में भी हो सकता है। विशेषज्ञ इसके प्रयोग से पहले सुरक्षा को लेकर आगाह कर रहे हैं। एआइ राइटिंग टूल्स का प्रयोग कर फिशिंग और स्कैमिंग की जा सकती है। ऐसे में इसे लेकर पहले से सचेत रहने की जरूरत है।
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