ईयरफोन्स म्यूजिक, पॉडकास्ट और दूसरे कंटेंट सुनने के लिए बेस्ट ऑप्शन हैं. हालांकि, ये बेहद जरूरी होता है कि इन्हें इस्तेमाल करते वक्त कानों को सुरक्षित रखा जाए. क्योंकि, लगातार ईयरफोन्स का इस्तेमाल करने से बहरेपन का खतरा बढ़ जाता है
आज के दौर में ईयरफोन्स का इस्तेमाल वायरलेस होने की वजह से और भी ज्यादा बढ़ गया है. लोग जिम में कसरत करते हुए, ट्रैवल करते हुए या काम करते हुए भी घंटों ईयरफोन्स का इस्तेमाल करते हैं. इससे न सिर्फ बहरेपन बल्कि और भी कई गम्भीर बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
दिमागी सेहत के लिए भी खतरा
दिल्लीै अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थासन (AIIMS) के पूर्व ईएनटी स्पेंशलिस्ट डॉ. बीपी शर्मा ने बताया कि ईयरफोन्स जैसी टेक्नोलॉजी से जुड़ी चीजों से सुविधा तो मिलती है. लेकिन, इनके ज्यादा इस्तेमाल से बीमारियां भी बढ़ रही हैं. डॉक्टर कहते हैं कि ईयरफोन्स का इस्तेमाल इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि यदि कोई व्यक्ति फोन पर बात करता है तो वह 10 मिनट करता है. क्योंकि फोन को पकड़कर रखना होता है. लेकिन, हेडफोन में व्यक्ति 30 से 40 मिनट भी आसानी से बात कर लेता है.
ईयर कैनल पर पड़ता है असर
डॉक्टर शर्मा बताते हैं कि उनके पास आए दिए ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें या तो ऊंचा सुनने की आदत हो गई है या वे बहरे हो गए हैं. ये दिक्कत केवल व्यस्कों तक सीमित नहीं है. बल्कि बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं. डॉक्टर के मुताबिक हियरिंग सेल्सम की सेंसिटिविटी खत्म होने से सिर्फ बहरापन का ही खतरा नहीं होता बल्कि कानों में गूंजती तेज आवाज से ईयर कैनल पर भी असर पड़ता है और इससे चक्क र भी आ सकते हैं. कानों में तेज दर्द भी हो सकता है.
इन्फेक्शन से लेकर दिमाग खराब होने तक का है खतरा
इसी तरह अगर ईयरफोन्स का इस्तेमाल करते वक्त हाइजीन का ख्याल न रखा जाए तो इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं और इनफेक्शन हो सकता है. इतना ही नहीं लोगों को ज्यादा देर तक ईयरफोन्स का इस्तेमाल करने से नींद में बड़बड़ाने की समस्या भी हो सकती है. ब्रेन सेल्स कमजोर हो सकती हैं और दिमाग पर असर भी पड़ सकता है.
Comments (0)