ब्रह्माण्ड में हर वस्तु का अंत निश्चित है. चाहे तारे हों, गैलेक्सी हो, ब्लैक होल ही क्यों ना हों. ऐसे में ग्रहों का भी अंत निश्चित ही होगा. लेकिन इसका कभी जिक्र नहीं होता है. ऐसे में एक सवाल यह पैदा होता कि क्या पृथ्वी की भी अंत होगा और होगा, तो वह कैसे होगा. दुनिया में चर्चाएं पृथ्वी पर इंसान और जीवन के अंत की तो बहुत होती हैं पर पृथ्वी के अंत की नहीं होती हैं
कई तरह के अंजाम संभव
पृथ्वी के अमूमन दो तरह के अंत का जिक्र देखने को मिलते हैं. एक तो सामान्य अंत, जैसा कि किसी ग्रह का हो सकता है. फोर्ब्स मैगज़ीन के मुताबिक सामान्य रूप से या तो पृथ्वी सूर्य में जाकर समा जाएगी या फिर सौरमंडल से बाहर निकल कर और बंजर चट्टान बन कर अनंत काल के लिए अंततारकीय अंतरिक्ष में भटकती रहेगी. वहीं असामान्य अंजाम में पृथ्वी इस सब से पहले ही नष्ट हो जाएगी.
सौरमंडल से बाहर जाने वाली बंजर चट्टान
एक वैज्ञानिक धारणा के मुताबिक जहां समय के साथ सूर्य और अधिक गर्मी पृथ्वी पर फेंकेगा और वायुमंडल का हर परमाणु बाहर उड़ जाएगा. पृथ्वी की सतह पर गर्मी से सबकुछ राख हो जाएगा. इसके अगले पांच से सात अरब सालों में पृथ्वी का यही हाल हो सकता है और वह सूर्य से दूर होती जाएगी जबकि सूर्य तब तक बुध और शुक्र को निगल चुका होगा और पृथ्वी पूरी तरह से सूखी बंजर चट्टान बन कर अंतरिक्ष में भटकने लगेगी.
जीवन खत्म होने के बाद
एक दूसरी संभावना यह है कि पृथ्वी पर जीवन खत्म होने के बाद बंजर ग्रह के तौर पर भी वह सौरमंडल में रहेगी. इस दौरान कई बाते हो सकती हैं. एक संभावना में तो पृथ्वी से कोई पिंड टकरा कर उसे खत्म कर देगा या फिर निगल लेगा. क्या होगा यह काफी कुछ टकराव के प्रकार और टकराने वाले पिंड के आकार पर निर्भर करता है.
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