IIT बॉम्बे के स्टूडेंट्स की रिसर्च से चांद के जियोलॉजी और विकास को समझने में काफी मदद मिलेगी। भारत इस बार चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की याद में दूसरा नेशनल स्पेस डे मना रहा है। इस खास मौके पर चांद को लेकर आईआईटी स्टूडेंट्स की उपलब्धि काफी मायने रखती है।
चांद को लेकर बहुत से रहस्य और रोचक तथ्य हैं जिनपर दुनियाभर के साइंटिस्ट काम कर रहे हैं। चांद को और गहराई समझने में IIT बॉम्बे के स्टूडेंट्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। IIT स्टूडेंट्स ने इसरो (ISRO) के चंद्रयान-2 के डेटा से 'चांद का रहस्यमी नक्शा' तैयार कर लिया है। चांद को लेकर की गई आईआईटी बॉम्बे के स्टूडेंट्स की रिसर्च अब पूरी दुनिया पढ़ेगी।
प्रतियोगिता के लिए शुरू की थी रिसर्च
यह बड़ी उपलब्धि एक प्रतियोगिता के दौरान प्राप्त हुई है। Inter-IIT टेक मीट में आयोजित एक प्रोतियोगिता आयोजित की गई थी। प्रतियोगिता में टॉप भारतीय संस्थानों के अग्रणी संगठनों ने हिस्सा लिया था। कॉम्पिटिशन के दौरान इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (ISRO URSC) ने स्टूडेंट्स चंद्रयान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (CLASS) डेटा का विश्लेषण करने की चुनौती दी। आईआईटी बॉम्बे की टीम ने अपने व्यवस्थित विश्लेषण और इनोवेटिव मैथड्स के साथ 'चांद का रहस्यमी नक्शा' तैयार करके यह प्रतियोगिता जीत ली।
IIT स्टूडेट्स की रिसर्च क्या है?
IIT बॉम्बे के स्टूडेंट्स ने चंद्रयान-2 से मिले डेटा का इस्तेमाल करते हुए चांद की सतह की रसायनिक संरचना का डिटेल्ड नक्शा तैयार किया है। क्योंकि चांद की सतह पर वातावरण नहीं होता इसलिए वह सूर्य से आने वाले तेज एक्स-रे किरणें चांद से टकराती हैं। इससे वहां मौजूद तत्व अपनी खास एक्स-रे रोशनी पैदा करते हैं। इसी रोशनी से साइंटिस्ट पता लगाते हैं कि चांद पर कौन-कौन से तत्व हैं।
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