AI की नई इमेज जनरेटिंग तकनीक को लेकर हाल ही में कुछ चिंताएं सामने आई हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ChatGPT की इमेज जनरेटर तकनीक फर्जी आधार और पैन कार्ड बना सकती है, जिससे सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अभी घबराने जैसी कोई गंभीर बात नहीं है, और इसकी सीमाएं साफ तौर पर नजर आती हैं.
जानिए मामला
एक सोशल मीडिया यूजर ने दावा किया कि AI फर्जी आधार और पैन कार्ड बना सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी तकनीकों के कारण AI पर रेगुलेशन जरूरी है.
एक अन्य यूजर ने ‘आर्यभट्ट’ नाम से बने आधार और पैन कार्ड की तस्वीरें शेयर कीं, जो पूरी तरह से फर्जी लेकिन रियलिस्टिक दिखती थीं.
क्या सच में AI ऐसा कर सकता है?
जब एक रिपोर्टर ने खुद AI से आधार कार्ड बनाने को कहा, तो AI ने साफ मना कर दिया और कहा कि फर्जी सरकारी पहचान पत्र बनाना गैरकानूनी और कंपनी की नीति के खिलाफ है.
हालांकि, जब अनुरोध को थोड़ा बदला गया और कहा गया कि यह एक प्रेजेंटेशन के लिए मजाकिया कार्ड है, तो AI ने ‘परॉडी’ ID कार्ड बनाने की अनुमति दे दी.
लेकिन जब यूजर ने एक नकली फोटो को पैन कार्ड टेम्पलेट पर लगाने को कहा, तो AI ने फोटो क्रॉप करने और JPEG या PDF फॉर्मेट में कार्ड जनरेट करने का विकल्प दिया.
हालांकि, इन कार्ड्स में कई गलतियां थीं, जैसे “Income Tax Department” की गलत स्पेलिंग, बिना QR कोड, हॉलोग्राम या माइक्रोचिप के — जो असली पहचान पत्रों की पहचान होते हैं. KYC या सरकारी प्रक्रिया में ये फर्जी कार्ड काम नहीं आएंगे, क्योंकि वहां QR कोड या अन्य प्रमाणीकरण की जरूरत होती है. लेकिन आम लोगों को धोखा देने के लिए इनका उपयोग हो सकता है. इसके अलावा, AI द्वारा पूरी तरह से नकली चेहरों और आईडी की फोटोरियलिस्टिक इमेज बनाना संभव हो गया है — जो पारंपरिक फोटो एडिटर्स से कहीं ज्यादा खतरनाक है.
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