एलन मस्क के स्टार्टअप न्यूरोटेक्नोलॉजी न्यूरालिंक को लेकर एक लेटेस्ट अपडेट सामने आया है। न्यूरालिंक ने कंपनी के ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिवाइस को दूसरे मरीज के ब्रेन में इम्प्लांट कर दिया है।
Tech: एलन मस्क के स्टार्टअप न्यूरोटेक्नोलॉजी न्यूरालिंक को लेकर एक लेटेस्ट अपडेट सामने आया है। न्यूरालिंक ने कंपनी के ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिवाइस को दूसरे मरीज के ब्रेन में इम्प्लांट कर दिया है। यह इंप्लांटेशन सफल रहा। मालूम हो कि मस्क की कंपनी लकवा के शिकार मरीजों की मदद के लिए एक खास मिशन पर काम कर रही है। कंपनी को लेकर यह लेटेस्ट अपडेट खुद एलन मस्क ने शुक्रवार को रिलीज हुए एक पॉडकास्ट में शेयर किया है। यह पॉडकास्ट न्यूरालिंक की टेक्नोलॉजी को लेकर लेटेस्ट प्रोग्रेस से जुड़ा था।
मरीज सोच से कंट्रोल कर सकता है डिजिटल डिवाइस
कंपनी द्वारा यह इंप्लाट इस तरह से डिजाइन किया गया है जो स्पाइनल कोर्ड इंजुरी वाले मरीजों को डिजिटल डिवाइस कंट्रोल करने में मदद करता है। स्पाइनल कोर्ड इंजुरी वाले मरीज इस इंप्लाट के साथ अपने दिमाग में आए केवल एक विचार से डिजिटल डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं। कंपनी द्वारा यह इंप्लाट इस तरह से डिजाइन किया गया है जो स्पाइनल कोर्ड इंजुरी वाले मरीजों को डिजिटल डिवाइस कंट्रोल करने में मदद करता है। स्पाइनल कोर्ड इंजुरी वाले मरीज इस इंप्लाट के साथ अपने दिमाग में आए केवल एक विचार से डिजिटल डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं।
दूसरा मरीज भी कर सकेगा दिमाग से चीजें कंट्रोल
मस्क ने दूसरे मरीज को लेकर अभी तक ज्यादा जानकारियां नहीं दी हैं। उन्होंने कहा है कि नए मरीज को भी Noland Arbaugh की तरह ही स्पाइनल कोर्ड इंजुरी है। वह भी लकवाग्रस्त है। मस्क ने बताया है कि दूसरे मरीज के मस्तिष्क में इम्प्लांट के 400 इलेक्ट्रोड ठीक तरह से काम कर रहे हैं। न्यूरालिंक का डिवाइस कुल 1,024 इलेक्ट्रोड से लैस है, जो ब्रेन के सिग्नल कैप्चर और ट्रांसमिट करने के लिए डिजाइन किया गया है।
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