आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जोखिम को कम करने के लिए या इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए सरकार नियम बनाने की तैयारी में है। बुधवार को ग्लोबल इंडिया एआइ समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बारे में चर्चा चल रही है, लेकिन इसके लिए राजनीतिक सहमति की आवश्यकता होगी।
New Delhi: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जोखिम को कम करने के लिए या इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए सरकार नियम बनाने की तैयारी में है। बुधवार को ग्लोबल इंडिया एआइ समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बारे में चर्चा चल रही है, लेकिन इसके लिए राजनीतिक सहमति की आवश्यकता होगी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार चाहती है कि टेक्नोलाजी देश के हर व्यक्ति के लिए उपलब्ध हो, इसलिए अन्य डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की तरह एआई के इस्तेमाल के लिए भी सरकार पब्लिक प्लेटफार्म बनाएगी जिसका इस्तेमाल कोई भी कर सकेगा।'
अगले दो-तीन महीने में लॉन्च होगा IndiaAI मिशन
इसके लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एआई मिशन को कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है और अगले दो-तीन माह में एआई मिशन लांच हो सकता है। इस मिशन के लिए 10,300 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि एआई को लेकर पूरी दुनिया में वैधानिक फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। यूरोपीय संघ ने इस साल मार्च में एआई कानून लाने की घोषणा कर दी है। अमेरिका में एआई से सुरक्षा को लेकर हाल ही में आदेश पारित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र भी इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एआई की चुनौतियों से सभी देश को मिलकर निपटना होगा और पिछले साल हिरोशिमा प्रोसेस के तहत इसकी शुरुआत हो चुकी है। अभी उद्योग से लेकर हर कोई इस बात को लेकर मंथन कर रहा है कि आने वाले समय में एआई कैसे उन्हें प्रभावित करेगा। एआई ने सभी सेक्टर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है और पूरी दुनिया इसका अनुभव कर रही है। हाल ही में होने वाले चुनाव में भी एआई का असर देखा गया।
आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के लिए बड़ा उपकरण
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी चुनौतियों का प्रभावी समाधान केवल सामूहिक वैश्विक प्रयासों से ही हो सकता है। वैष्णव ने कहा कि एआई मिशन में भारत का दृष्टिकोण टेक्नोलाजी का लोकतंत्रीकरण करना होगा। एआई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के लिए एक बहुत बड़ा उपकरण हो सकता है।
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