भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में बताया गया है कि गूगल क्रोम में कई बग्स पाए गए हैं, जो हैकर्स को यूजर्स के डेटा को चोरी करने और उनके सिस्टम को हैक करने का मौका दे सकते हैं।
भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में बताया गया है कि गूगल क्रोम में कई बग्स पाए गए हैं, जो हैकर्स को यूजर्स के डेटा को चोरी करने और उनके सिस्टम को हैक करने का मौका दे सकते हैं।
क्या हैं ये बग्स?
इन बग्स के चलते हैकर्स यूजर्स के कंप्यूटर में रिमोटल एक्सेस लेकर कोई भी प्रोग्राम चालू कर सकते हैं। इसके साथ ही वे यूजर्स के डेटा से छेड़छाड़ और संवेदनशील डेटा भी चुरा सकते हैं। इसके अलावा, हैकर्स इसकी मदद से सिस्टम को क्रैश यानी DoS अटैक भी कर सकते हैं।
किन्हें है खतरा?
CERT-In के अनुसार, गूगल क्रोम के इस बग के चलते लैपटॉप या डेस्कटॉप यूजर्स प्रभावित हो सकते हैं। यानी विंडोज, मैक और लाइनेक्स यूजर्स इस बग के चलते प्रभावित हो सकते हैं।
गूगल क्रोम का वर्जन कैसे चेक करें?
गूगल क्रोम का वर्जन जानने के लिए सबसे पहले आपको कंप्यूटर में क्रोम ब्राउजर खोलना है। अब आपको ब्राउजर के दाईं ओर ऊपर तीन डॉट्स पर क्लिक करें। यहां आपको सेटिंग ऑप्शन में टैप करना है। नीचे स्क्रॉल करने पर आपके हेल्प पर जाना है। यहां आपको About Google Chrome पर क्लिक करना है। अब आपकी डिस्प्ले पर नया मौजूदा Chrome का वर्जन दिख जाएगा।
गूगल क्रोम को अपडेट कैसे करें?
CERT-In का कहना है कि गूगल के इस बग से बचने के लिए यूजर्स को तुरंत अपने वेबब्राउजर के क्रोम वर्जन को अपडेट करना होगा। इसके लिए यूजर्स को अपने वेब ब्राउजर के वर्जन चेक करना है। इसके लिए उन्हें About Google Chrome टैब पर क्लिक करना है। इसके बाद क्रोम खुद ही लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड कर लेगा। अपडेट इंस्टॉल हो जाने के बाद ब्राउजर को रिस्टार्ट करना होगा।
क्या अपडेट करना जरूरी है?
गूगल क्रोम में मौजूद इन बग का फायदा उठाकर हैकर्स यूजर्स का डेटा चोरी कर सकते हैं। इसके साथ ही वे पूरा सिस्टम हैक कर सकते हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि यूजर्स को अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल Google Chrome को अपडेट करना होगा।
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