आज यानि 25 अप्रैल को पूरी दुनिया में इस बिमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। ये दिन मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में लगातार महान उपलब्धियों का भी प्रतीक है।
आज यानि 25 अप्रैल को पूरी दुनिया में इस बिमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। ये दिन मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में लगातार महान उपलब्धियों का भी प्रतीक है। लोग मलेरिया के बारे में बेहतर समझ सकें इसके लिए शिक्षा प्रदान करना भी आवश्यक है। विश्व स्तर पर, कुल 106 देशों में 3.3 बिलियन लोगों को मलेरिया का खतरा है। पहली बार विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक रोग पर जनता का ध्यान क्रेंदित करना था। जिससे लाखों लोग हर साल मरते हैं।मलेरिया एक जानलेवा बिमारी है।
विश्व मलेरिया दिवस की थीम
हर साल की तरह इस साल भी विश्व स्वास्थ्य संगठव द्वारा एक थीम जारी की गई है। मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचने और इससे जुड़ी अहम जानकारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम Accelerating the fight against Malaria for a more equitable world ये थीम दर्शाती है कि हमें मलेरिया की खिलाफ जारी लड़ाई को बढ़ावा देना चाहिए।कैसे होता है मलेरिया
मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है। जो प्लाज्मोडियम वीवेक्स नामक वायरस के कारण होता है। ये वायरस मानव शरीर में मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से प्रवेश करके उसे कई गुना बढ़ा देता है। जिसके बाद यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती है। बता, दें कि मलेरिया फैलाने वाली इस मादा मच्छर में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं।मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षण मादा मच्छरों के काटने के छह से 8 दिन बाद शुरु हो सकते हैं।
ठंड लगकर बुखार का आना और बुखार के ठीक होने पर पसीने का आना।
थकान और सिरदर्द।
मांसपेशियों के दर्द, पेट की परेशानी।
उल्टियां आना, बेहोशी आना।
एनीमिया, स्किन की पीली रंग की विकृति।
मलेरिया रोग मादा मच्छर के काटने से होता है। जिसके कारण रक्त में प्लास्मोडियम मानक परजीवी फैल जाता है और इससे जान भी जा सकती हैं।
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