दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पिछले 3 साल में अपनी सरकार के विज्ञापन के लिए 1000 करोड़ रूपए खर्च किये हैं, लेकिन जब ‘RRTS’ प्रोजेक्ट के लिए उनसे पैसा मांगा गया था तो उनकी सरकार के वकील ने फण्ड ना होने की बात की थी !
अब सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है केजरीवाल सरकार को फटकार –
RRTS प्रोजेक्ट वो प्रोजेक्ट है जिससे दिल्ली को हरियाणा और राजस्थान से जोड़ना और सुलभ और आसान हो जाएगा, चूंकि ये एक कोमन प्रोजेक्ट है इसलिए तीनों राज्यों की सरकार को इसमें निवेश करना था जिससे आम लोगों के लिए कनेक्टिविटी आसान हो जाए और इसी के लिए जब दिल्ली सरकार से वित्तीय सहायता के लिए पूछा गया तो दिल्ली के आम आदमी पार्टी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के 2 जजों की बेंच को बताया था कि दिल्ली सरकार अभी धन सहायता करने के लिए असमर्थ है और अभी वो फंड्स मुहैया नहीं करवा सकती है !
इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांसू धुलिया की बेंच ने दिल्ली सरकार को अपनी योजनाओं पर किये गए विज्ञापन खर्च का ब्यौरा देने का आदेश दिया था !
अब जब केजरीवाल सरकार का विज्ञापन खर्च 1000 करोड़ दर्शाया गया है तो सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधान्सू धुलिया की बेंच ने आम आदमी पार्टी को फटकार लगाते हुए ये आदेश दिया है कि अगले तीन महीनें में केजरीवाल सरकार RRTS प्रोजेक्ट के लिए 415 करोड़ रूपए दे!
जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांसू धुलिया ने कोर्ट में क्या कहा ?
दिल्ली सरकार के वकील द्वारा वित्तीय सहायता के लिए असमर्थता दिखाई गयी थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जब विज्ञापन खर्च का अमाउंट देखा तो केजरीवाल सरकार को तंज देते हुए कहा कि जब सरकार विज्ञापन पर 1000 करोड़ रूपए खर्च कर सकती है तो फिर 415 करोड़ रुपए देने में क्या दिक्कत है और इसी के साथ अगले तीन महीनें में 415 करोड़ रूपए देने का आदेश दिया है !
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