“सेहत खुमारी नानका, चढ़ी रहे दिन-रात” गुरुवाणी में गुरु नानक के द्वारा दी गई सलाह का सबसे उत्तम उदाहरण हैं ‘दारा सिंह रंधावा’ उर्फ़ “रुस्तम-ए-हिंद” !
दीदार सिंह रंधावा, दारा सिंह, और रुस्तम-ए-हिंद सब एक ही हैं –
19 नवम्बर 1928 को अमृतसर (पंजाब) के एक जाट परिवार में जन्में दीदार सिंह रंधावा के कद-काठी से हट्टे-कट्टे होने की वजह थीं उनकी मां बलवंत कौर जिन्होंने अपने लड़के को उम्र से पहले जवान करने के चक्कर में बादाम, काजू, और मक्खन को भैंस के दूध में फेंट-फेंट कर पिलाया और जिसका नतीजा था कि दारा सिंह अपनी उम्र के बच्चों से ज्यादा तंदरुस्त और बड़े दिखने लगे थे! और इसीलिए दारा सिंह के पिता सूरत सिंह रंधावा ने उन्हें गाँव में अखाड़े का रास्ता दिखा दिया जहां कुश्ती के दांव-पेंच के साथ-साथ शुरुआत की अपने उस सफ़र की जिसके बारे में अब तक वे खुद बेखबर थे, लेकिन कुछ समय के बाद जब उन्हें महसूस हुआ कि कुश्ती से जीवन-यापन करना मुश्किल है और उस वक़्त घर के साथ-साथ देश के हालात भी ऐसे थे कि यहां अपना और अपनों का सुनहरा भविष्य आंखे मीच कर भी देख पाना मुश्किल था इसलिए 1947 को उन्होंने सिंगापुर का रुख किया, कुश्ती या किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने नहीं बल्कि खाने-कमाने के लिए!अतीत अच्छा हो या बुरा पीछा नहीं छोड़ता –
खाने-कमाने घर से निकले दारा सिंह सिंगापुर पहुँच तो गए लेकिन जब लोगों को पता चला कि उन्हें कुश्ती का शौक़ है तो फिर लोगों ने दारा सिंह को कहना शुरू किया कि वो अपने शौक़ को यहां भी जी सकते हैं, फ्री स्टाइल कुश्ती की ट्रेनिंग लेकर और उन्होंने फ्री स्टाइल कुश्ती का प्रशिक्षण लिया जिसके बाद उन्होंने क्वालालंपुर में मलेशियाई पहलवान तरलोक सिंह को हराया और बन गए वहां के चैंपियन ! इसके बाद 1959 में किंगकोंग और 1968 में लाऊ थेज को हराकर फ्री स्टाइल के वर्ल्ड चैंपियन बन गए ! और एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड बना दिया जिसे तोड़ पाना लगभग असंभव है कि अपने करियर में लड़ीं कुल कुश्तियों में से एक भी ना हारना!फिल्मों और रामानंद सागर की ‘रामायण’ में श्री हनुमान की भूमिका ने पहुँचाया हर घर तक –
कुश्ती में सम्पूर्ण सफलता लेने के बाद दारा सिंह ने रुख किया फिल्मों का जहां उन्होंने करीब 140 से ज्यादा फिल्मों में काम किया जिसमें बतौर निर्माता-निर्देशक भी 8 फ़िल्में थीं! लेकिन सबसे अधिक पहचान दिलाई हनुमान जी के रोल ने, और इसी के साथ ‘जब वी मेट’ और ‘अता पता लापता’ जैसी फिल्मों में आखिरी उपस्थिति दर्ज करवाने के बाद 12 जुलाई 2012 को हमसे विदा ले ली !Read More: ‘जवान’ की एक्ट्रेस नयनतारा के पति से शाहरुख़ खान ने कहा – पतिदेव, सावधान रहें !
Comments (0)