थेंग गांव में भालुओं के लगातार हमलों से ग्रामीणों की आजीविका संकट में है। पिछले महीनों में भालुओं ने 60 से अधिक पालतू मवेशियों को मारा और दर्जनों गौशालाओं को बर्बाद किया।
ज्योतिर्मठ नगर क्षेत्र के भालू प्रभावित इलाकों में भालू प्रबंधन को लेकर नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क (NDBR) प्रशासन की QRT टीम सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। टीम भालुओं को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर करने के ठोस प्रयास कर रही है। हालांकि क्षेत्र के दूरस्थ गांव थेंग में इस सीजन में भालू का आतंक एक बार फिर बढ़ गया है।
बकरियों और गायों को बनाया शिकार
थेंग गांव की क्षेत्र पंचायत सदस्य रमा देवी ने बताया कि रविवार की रात भालू ने मोहन सिंह नेगी (पुत्र माधो सिंह) की गौशाला को बर्बाद कर दिया। गौशाला में बंधे पशु, विशेषकर बकरियों और गायों को भालू ने अपना शिकार बनाया। इस घटना से मोहन सिंह का परिवार हताश और आक्रोशित है, क्योंकि उनका मुख्य आजीविका का साधन ही पशुपालन है।
वन विभाग से कार्रवाई की मांग
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि धन सिंह ने बताया कि पिछले कई महीनों से भालुओं ने गांव में जबरदस्त आतंक मचाया हुआ है। अब तक करीब 60 से अधिक पालतू मवेशियों को भालुओं ने अपना शिकार बनाया और दर्जनों गौशालाओं को नुकसान पहुंचाया है। मारे गए मवेशियों में अधिकांश दुधारू गाय और बकरियां हैं, जो ग्रामीणों की आर्थिक निर्भरता का मुख्य स्रोत हैं। वन विभाग द्वारा अब तक केवल गश्त और गोष्ठियों का आयोजन किया गया है, लेकिन इनसे गांव और पशुधन पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने इन आक्रामक भालुओं को पकड़ कर गांव से बाहर नहीं भेजा, तो वे NDBR मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। ग्रामीण और जनप्रतिनिधि वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भालुओं के आतंक से उनकी आजीविका और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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