नई दिल्ली: देश का हवाई ट्रैफिक कंट्रोल इन दिनों एक महत्वपूर्ण बदलाव के फेज से गुजर रहा है। 1 जनवरी को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) हवाई ट्रैफिक कंट्रोलर्स को दो विमानों के बीच लैटरल सेपरेशन को 10 नॉटिकल माइल्स (18.5 किमी) से घटाकर 5 नॉटिकल माइल्स करने की अनुमति दे देगा। आधुनिक नेविगेशन राडार और टेक्नॉलजी से AAI की बेहतर निगरानी क्षमता से यह सब संभव होने जा रहा है।
हवाई क्षेत्र की क्षमता बड़ी
लैटरल सेपरेशन में कमी से हवाई क्षेत्र की क्षमता 40% से अधिक बढ़ जाएगी। यही नहीं, एयरलाइंस को अधिक सीधी और ईंधन बचाने वाले रूट मिल सकेंगे। खास बात यह है कि यह बदलाव तब हो रहा है, जब भारत में हवाई यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और भारतीय एयरलाइंस ज्यादा विमानों के ऑर्डर दे रही हैं। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में हवाई ट्रैफिक में इजाफा होगा|
विमानों की संख्या तीन गुना बढ़ी
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि वित्त वर्ष 2014 के बाद से भारतीय विमानों की संख्या में 75% की वृद्धि हुई है। AAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोएडा और नवी मुंबई एयरपोर्ट बनने के बाद अगले साल तक दिल्ली और मुंबई दो हवाईअड्डे वाले शहर बन जाएंगे। इस सूरत में हवाई क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने की सख्त जरूरत है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस में से एक इंडिगो, जो रोजाना 2000 उड़ानों का संचालन करती है, ने भी नई प्रणाली से उम्मीद जताई है कि इससे ईंधन की बचत होगी।
Comments (0)