इनकम टैक्स बचाने के लिए एचआरए, मेडिकल इंश्योरेंस, होम लोन और 80सी के तहत टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट्स में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं है। टीडीएस और आईटीआर फॉर्म में दी गई जानकारी में मिसमैच का पता लगाने के लिए इनकम टैक्स विभाग एक खास टेकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। दिसंबर में मुंबई, दिल्ली और दूसरे कई बड़े शहरों की कई कंपनियों को धारा 133सी के तहत नोटिस भेजे गए हैं। यह सेक्शन 2014-15 में शुरू किया गया था। इसके तहत इनकम टैक्स विभाग डिटेल वेरिफाई करने के लिए नोटिस भेज सकता है। कंपनियों को दी गई जानकारी कंफर्म करने या करेक्शन स्टेटमेंट देने को कहा जा रहा है।
टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए टेक्नीक का इस्तेमाल
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