भारतीय स्टेट बैंक के इकॉनमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार FY25 के लिए फिस्कल डेफिसिट GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के 5.5% के करीब रहने की संभावना है। यह FY24 में ग्रॉस टैक्स और GDP रेशो 16 साल के उच्चतम और FY25 में पिछले दो दशकों में अब तक के उच्चतम स्तर को छू सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चीफ इकॉनमिक अडवाइजर सौम्या कांति गघोष के अनुसार FY24 में ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू GDP का 11.6% होने की संभावना है जो 16 साल का उच्चतम स्तर होगा। हमें उम्मीद है कि FY25 में ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू पिछले 2 दशकों में सबसे अधिक होगा। हमारा मानना है कि फिस्कल डेफिसिट FY24 में पूर्ण रूप से घट सकता है, लेकिन GDP के रूप में यह 5.9% हो सकता है और FY25 के अंतरिम बजट में 5.5% पर तय होने की संभावना है।
कितना लोन बंटेगा
मौजूदा वित्त वर्ष में बैंकों की लोन ग्रोथ 15 प्रतिशत के आसपास रह सकती है, लेकिन अगले फाइनैंशल ईयर में इसकी रफ्तार घटेगी। यह अनुमान जताया है रेटिंग एजेंसी ICRA ने। FY2025 में बैंक क्रेडिट ग्रोथ 12 प्रतिशत रह सकती है। मौजूदा वित्त वर्ष में 14.9-15.3 प्रतिशत की क्रेडिट ग्रोथ के साथ आंकड़ा करीब 21 लाख करोड़ रुपये का रह सकता है। यह अब तक की सबसे अधिक इंक्रीमेंटल बैंक क्रेडिट ग्रोथ होगी। इससे पहले इकरा ने इस वित्त वर्ष में करीब 13 प्रतिशत की लोन ग्रोथ का अनुमान जताया था। FY2023 में 15.4 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 18.2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा दर्ज किया गया था। इकरा ने कहा कि FY2025 में बैंक लोन ग्रोथ घटकर 11.7 से 12.6 प्रतिशत पर आ सकती है। वैश्विक स्तर पर उभर रही मुश्किलों और ऊंचे बेस के अलावा डिपॉजिट हासिल करने से जुड़ी चुनौतियों के चलते बैंक लोन ग्रोथ घटने का अनुमान है।
राज्यों की हालत
इसके अलावा राज्यों की माली हालत से जुड़ी रिपोर्ट में इकरा ने कहा कि इनका रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 के बजट में तय किए गए स्तरों से कम रह सकता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 16 राज्य सरकारों की सम्मिलित राजस्व प्राप्तियों में अप्रैल से नवंबर के बीच सालभर पहले के मुकाबले लगभग 5 प्रतिशत की ही बढ़त दिख रही है जो 17.4 पर्सेंट ग्रोथ के बजट अनुमानों से काफी कम है। सेल्स टैक्स में कमी के अलावा स्टेट जीएसटी और एक्साइज ड्यूटी में बजटीय अनुमानों से कम बढ़त के चलते राज्यों के अपने टैक्स रेवेन्यू की ग्रोथ लगभग 11 प्रतिशत ही रही।
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