केन्द्री य परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले वर्ष मार्च तक सरकार हाईवे पर ऑटोमेटिक टोल प्रणाली शुरू कर देगी. यह व्य्वस्थाप लागू होने के बाद टोल प्लाेजा की जरूरत नहीं होगी. लेकिन केन्रीालीय मंत्री के इस बयान के बाद आम लोगों के मन ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या् फास्टैगग का इस्ते्माल नहीं होगा. ये बेकार हो जाएंगे. वाहनों में अलग से कोई डिवाइस लगवानी होगी क्याक |
देशभर में मौजूदा समय करीब 1.5 लाख किमी. लंबा हाईवे है. इसमें करीब 90 हजार किमी.नेशनल हाईवे के पास है. इसी हाईवे में ऑटोमेटिक टोल प्रणाली लागू करने की शुरुआत होनी है. यह रूसी तकनीक है. इसका सफल पायलट प्रोजेक्टो दिल्लीा-मुंबई एक्सशप्रेस वे पर हो चुका है. इस तकनीक में इसरो के ‘नाविक’ का नेविगेशन इस्तेरमाल किया जाएगा.
इंफ्रास्ट्रौक्च र एक्सरपर्ट ने बताया कि सेटेलाइट आधरित टोल प्रणाली लागू होने के बाद लोगों के पास भुगतान करने के कई विकल्पच होंगे. जैसे अभी फास्टै ग पेटीएम या बैंक अकाउंट से लिंक है. उसी तरह नई तकनीक लागू होने के बाद लोगों के पास विकल्पट रहेगा कि वो चाहें तो फास्टैगग से भुगतान करें या बैंक से करें या अन्य डिजीटल माध्याम से भुगतान करें. इसलिए फास्टैगग बेकार नहीं होगा.
मौजूदा समय करीब 1.5 लाख किमी. लंबा हाईवे
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