मंदी, भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर होते वैश्विक निवेश चक्र के बावजूद वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे भारत की विकास यात्रा के प्रति आश्वस्त नजर आते हैं। सोमवार से दावोस में शुरू हुए 54वें वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के पांच दिवसीय आयोजन के पहले दिन मीडिया से बात करते हुए ब्रेंडे ने कहा, तमाम चुनौतियों के बीच मौजूदा वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट 8 फीसदी रह सकती है। ब्रेंडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं भारत को एक दशक में या फिर अगले दो दशकों में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनते देख रहा हूं।
दावोस में भारत की अहम उपस्थिति को रेखांकित करते हुए ब्रेंडे ने कहा, यहां मौजूद भारत के प्रतिनिधि तीनों केंद्रीय मंत्रियों के बैठक स्थलों के बाहर भी मिलने वालों की लंबी कतार देखी जा रही है, जबकि अंदर पहले ही 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था बनाई गई है। इसको देखते हुए हम भारतीय प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बड़ा कमरा देने पर विचार कर रहे हैं। दूसरी तरफ दावोस में एकत्र हुए 83 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भी कहा है कि यूक्रेन और रूस युद्ध को खत्म कराने में भारत केंद्रीय भूमिका निभा सकता है।
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की 54 वें बैठक में दुनिया की आशाओं का केंद्र बनकर उभरा भारत।
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