भले ही इंटरनेशनल मार्केट में शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत में करीब एक फीसदी की तेजी देखने को मिली हो लेकिन एक महीने में यही दाम करीब 8 फीसदी तक कम हो चुके हैं। खाड़ी देशों का कच्चा तेल इंटरनेशनल मार्केट में करीब 8 फीसदी तक सस्ता हो चुका है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी क्रूड ऑयल के दाम करीब 7 फीसदी तक कम हो चुके हैं।
जानकारों की मानें तो डिमांड पर असर पड़ने की वजह से कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिली है। वास्तव में अमेरिका में स्ट्रांग इकोनॉमिक डाटा आने की वजह से अनुमान है कि फेड ब्याज दरों को लंबे समय होल्ड करके रख सकता है जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में तेजी देखने को मिली है। जिसका असर कच्चे तेल की कीमत में देखने को मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। देश के चारों महानगरों में वो ही दाम लागू रहेंगे, जोकि 16 मार्च को थे। तब देश की ओएमसी ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। जानकारों के अनुसार कच्चे तेल की कीमत में इसी तरह की गिरावट देखने को मिली तो चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती देखने को मिल सकती है।
भले ही इंटरनेशनल मार्केट में शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत में करीब एक फीसदी की तेजी देखने को मिली हो लेकिन एक महीने में यही दाम करीब 8 फीसदी तक कम हो चुके हैं। खाड़ी देशों का कच्चा तेल इंटरनेशनल मार्केट में करीब 8 फीसदी तक सस्ता हो चुका है।
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