बॉलीवुड की दुनिया में जिसने भी प्रेमनाथ को देखा एक विलेन का किरदार निभाते देखा. बड़े पर्दे पर जब प्रेम नाथ उतरते थे, तब दर्शकों के मन में खौफ और डर बन जाता था, लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता है कि प्रेमनाथ अपनी असल जिंदगी में एक ऐसा किरदार जीते थे, जिस पर चल पाना हर किसी के बस की बात नहीं थी.
अभिनेता प्रेमनाथ की रियल लाइफ भी किसी रील से कम नहीं थी. सिनेमा में तो प्रेम नाथ विलेन का किरदार निभाते थे, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि वह एक बड़े तपस्वी भी थे. जिस कुटिया में प्रेमनाथ तपस्या करते थे, वह आज भी जबलपुर में मौजूद है. यहां वह एक संत के मार्गनिर्देशन में कई वर्षों तक रहे और उनकी सेवा की. उनकी दिनचर्या में पूजा-पाठ थी.
कौन थे प्रेम नाथ मल्होत्रा?
प्रेम नाथ मल्होत्रा, जिन्हें बॉलीवुड प्रेमनाथ के नाम से जानता है, उनका जन्म 21 नवंबर 1926 को पेशावर के घंटाघर के पास करीमपुरा इलाके में हुआ था. विभाजन के बाद उनका परिवार जबलपुर चला आया और उसके बाद वह बंबई चले गए. जहां उन्हें एक अभिनेता के रूप में पहचान मिली. बाद में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता के रूप में प्रेमनाथ का नाम विख्यात हुआ. फिल्म औरत की शूटिंग के दौरान उन्हें अभिनेत्री बीना राय से प्यार हो गया. उन्होंने शादी की और पीएन नामक एक प्रोडक्शन कंपनी बनाई.
जबलपुर से क्या था संबंध
बताया जाता है कि जबलपुर में नर्मदा तट के किनारे मौजूद प्रेमानंद आश्रम के पास ही प्रेम नाथ की बनाई हुई एक कुटिया आज भी मौजूद है. आश्रम में रह रहे लोगों ने बताया कि जब प्रेम नाथ अपने परिवार के साथ जबलपुर पहुंचे तब उन्होंने प्रेमानंद पुरी महाराज जी के सानिध्य में उनके आश्रम के पास ही एक कुटिया का निर्माण किया. वह प्रेमानंद महाराज के सानिध्य में उनके शिष्य बनाकर रहा करते थे और उनकी सेवा किया करते थे.
1975 की संन्यासी फिल्म से भी जुड़े हैं तार
लोगों ने बताया कि 1975 की फिल्म संन्यासी, जिसमें मनोज कुमार और हेमा मालिनी मुख्य किरदार के रूप में थे और प्रेम नाथ मल्होत्रा ने मंगल सिंह का किरदार निभाया था, उस फिल्म के तार भी जबलपुर से जुड़े हैं. इस फिल्म का मशहूर गाना ”चल संन्यासी मंदिर में” का प्रेमनाथ और प्रेमानंद पुरी महाराज जी से नाता है. लोगों के अनुसार चल संन्यासी मंदिर में गीत प्रेम नाथ और प्रेमानंद महाराज के बीच की सत्य घटना पर आधारित है.
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