किसी ने बिल्कुल ठीक कहा है कि प्यार के मामले बहुत ही पेचीदा होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर लोग खट्टे-मीठे अनुभवों से गुजरने के बाद ही अपने जीवनसाथी से मिल पाते हैं। हालांकि, इस दौरान जहां कुछ लोगों को अपने जीवनसाथी के रूप में एकदम अपना सच्चा प्यार मिल जाता है, तो कइयों की तलाश यहां भी खत्म नहीं होती। इसका सबसे बड़ा कारण उन्हें ऐसा फील ही नहीं होता कि वह जिस शख्स के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहते हैं, वह उसका सोलमेट है भी या नहीं।
उस व्यक्ति के साथ घर जैसा महसूस होता है
अपना सोलमेट मिलने पर आपको उस व्यक्ति के साथ घर जैसा महसूस होता है। उनकी उपस्थिति में आप बहुत ही खुश रहते हैं। यही नहीं, उस शख्स के साथ आप बहुत ही कंफर्टेबल-ओरिजिनल, पीसफुल और सिक्योर महसूस करते हैं।
हर तरह के काम में आप का मन लगने लगता है। जब वो आपके आसपास होते हैं, तो आपको बिल्कुल भी अजनबी वाली फीलिंग नहीं आती। उनसे बातें करने में आप नर्वस नहीं होते। ऐसा लगता है जैसे आप इस शख्स से हर तरह की बात शेयर कर सकते हैं।
खुद को बेहतर बनाने की संकल्प शक्ति आना
जब आपको अपना सोलमेट मिलता है, तो वह आपको कुछ करने से रोकता नहीं है। न ही कंट्रोल में रखने की कोशिश नहीं करता है। वह आपको बेहतर इंसान बनने में मदद करता है। उसकी पॉजिटिव अप्रोच आपको हर दिन कुछ नया सीखने के लिए तैयार करती है। उस इंसान के साथ आप अपने जीवन में ठहराव और स्थिरता महसूस करते हैं।
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