मशहूर गजल गायक पंकज उधास का आज यानी की सोमवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि, उनका जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। पंकज उधास की बेटी नायाब उधास ने पिता के निधन की पुष्टि की है।
पंकज उधास के निधन की जानकारी बेटी ने दी
पंकज उधास की बेटी नायाब उधास ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह दुखद खबर साझा करते हुए लिखा है कि, भारी दिल और बड़े दुख के साथ आप सभी को सूचित करना पड़ रहा है कि, लंबी बीमारी के चलते 26 फरवरी 2024 को पद्मश्री पंकज उधास का निधन हो गया है।
पंकज उधास लंबे समय से बीमार थे
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पंकज उधास का निधन 26 फरवरी को सुबह लगभग 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। गायक लंबे समय से बीमार थे। बीते कई दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। सिंगर के निधन की खबर से फिल्म जगत में शोक की लहर है। उनके चाहने वालों को झटका लगा है। सोशल मीडिया पर पंकज उधास को याद करते हुए फैंस श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
पंकज उधास के निधन से हर कोई दुखी है
पंकज उधास के निधन से हर कोई दुखी है। लोकप्रिय गायक और म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन सदमे में हैं। उन्होंने पंकज उधास के निधन को संगीत जगत का बड़ा नुकसान बताया है। उन्होंने कहा कि, इसकी भरपाई नहीं हो सकती। वहीं, सोनू निगम ने भी पंकज उधास के निधन पर इमोशनल पोस्ट लिखा है।
पहला गाना गाने पर मिले थे 51 रुपए
मशहूर गजल गायक पंकज उधास ने पहला गाना ‘ए मेरे वतन के लोगों’ भारत चीन युद्ध के दौरान गाया था। तब इनको ईनाम के तौर पर 51 रुपए मिले थे। फिर स्कूल की प्रार्थन सभा में भी पंकज गाया करते थे और जब कॉलेज पहुंचे तो उन्होंने तबला बजाने शुरू किया। इसी दौरान वो पल आया जब पंकज को फिल्म में गाना गाने का मौका मिला।
चिट्ठी आई है" गजल से पंकज बने गजल गायक
साल 1980 में पंकज उधास की एल्बम ‘आहट’ रिलीज हुआ, ये भी खूब हिट हुई और धीरे-धीरे सिंगर को नए-नए गाने मिलने लगे, लेकिन जब उन्होंने साल 1986 में आई फिल्म ‘नाम’ में "चिट्ठी आई है" गाया, तो हर कोई उनकी आवाज का दीवाना बन बैठा और यहां से पंकज उधास हिंदी सिनेमा के पॉपुलर ग़ज़ल गायक बन गए।
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