उम्र के एक पड़ाव के बाद आमतौर पर लोग रक्तचाप (blood pressure) और मधुमेह (diabetes) जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं और फिर जाते हैं डॉक्टर साहब के पास, जहां डॉक्टर उन्हें खाने-पीने में तमाम परहेज करने को कहते हैं जिसमें मुख्यता मीठा (sweet) लगभग बंद करने को कहते है, और यहां से शुरू होता है आर्टिफिशियल स्वीटनर का बिज़नेस लेकिन उसके क्या नुकसान हैं हम आपको बताते हैं !
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने रिब्यू में बताया नुकसानदेह –
आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेने की वजह होती है कि चाय कॉफ़ी और अन्य खाद्यपदार्थों के स्वाद में फीकापन ना लगे और स्वास्थ के लिए भी नुकसान ना करे लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि कि WHO ने आर्टिफिशियल स्वीटनर का रिब्यू करने के बाद बताया कि इस तरह के प्रोडक्ट से लोगों को फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुंच रहा है जैसे –डाइटिंग कर रहे लोग इन्हें बजन कम करने के लिए उपयोग करते हैं लेकिन इससे बजन घटता नहीं बल्कि बढ़ता है
इसके साथ ही स्वीटनर आपके पेट में गैस की समस्या को पैदा कर सकते हैं
ये कई तरह की एलर्जी से आपको प्रभावित कर सकते हैं और आपकी इम्युनिटी को कमज़ोर कर सकते हैं
who ने बताया कि आम लोगों की तुलना में स्वीटनर लेने वाले लोगों में कैंसर होने की ज्यादा संभावनाएं होती हैं
ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के अलावा दिल के दौरे की भी संभावना ज्यादा होती है
इन प्रोडक्ट्स में स्वीटनर होने से हमें कोई नुकसान नहीं है –
WHO द्वारा किये गए स्वीटनर के रिब्यू का मकसद सिर्फ आहार की गुणवत्ता सुधारने के लिए सलाह देना है ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव ना पड़ें लेकिन कुछ प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिनमें इनके होने से उतना फर्क नहीं पड़ेगा जैसे –टूथपेस्ट
स्किन केयर प्रोडक्ट्स
त्वचा पर मलने वाली दवाइयां
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