MP NEWS - एक बार फिर से मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत डॉक्टर्स हड़ताल पर जाने वाले हैं। ( MP NEWS ) डॉक्टर्स जूनियन के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने इसका ऐलान कर दिया है कि 2 मई को सभी डॉक्टर्स सांकेतिक हड़ताल करेंगे। इसके बाद प्रदेश के सभी डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
डॉक्टर्स को केन्द्र सरकार के समान वेतन दिय़ा जाए
बता दें कि, प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें केन्द्र सरकार के समान वेतन दिय़ा जाए और प्रशासनिक हस्तक्षेप खत्म किया जाए। दरअसल राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्तियां करने का निर्णय लिया था, लेकिन डॉक्टर्स को यह स्वीकार नहीं है।
प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं होती तकनीकी जानकारी
शासन के इस निर्णय को लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पतालों में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ को क्या परेशानियां आती हैं और मरीजों के उपचार को लेकर वह कितने परेशान हो जाते हैं। इसे केवल एक डॉक्टर्स ही समझ सकता है। कोई आईएएस या प्रशासनिक स्तर का अधिकारी नहीं समझ सकता है। इसलिए डॉक्टर्स इसका विरोध कर रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों से ज्यादा वेतन मिलता है निजी अस्पतालों में
वहीं यदि सरकारी अस्पतालों में कार्ररत चिकित्सकों को मिलने वाले वेतन पर एक नजर डाली जाए तो सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स से ज्यादा वेतन निजी अस्पतालों में मिलता है। इसके अलावा डॉक्टर्स निजी प्रेक्टिस करने के लिए भी स्वतंत्र हैं। जबकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स को कम वेतन के साथ ही प्रशासनिक दबाव में रहना पड़ता है।
डॉक्टर्स की मांगों पर सहानुभूति के साथ निर्णय लेना चाहिए
मेडिकल कॉलेज से निकलने वाले नए डॉक्टर्स का रूझान भी निजी चिकित्सा संस्थानों की ओर ज्यादा है। इसके अलावा ज्यादातर डॉक्टर विदेशों में सेवाएं देने के लिए चले जाते हैं। इसीलिए मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले डॉक्टरों के दो साल के बांड भरवाए हैं, ताकि वह गांव में सेवाएं दें। ऐसे में सरकार को डॉक्टर्स की मांगों पर सहानुभूति के साथ निर्णय लेना चाहिए।
Written By - DILEEP PEL
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