देश में लगातार बढ़ रहे मौसमी इन्फ्लूएंजा के उप स्वरूप H3N2 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने चिंता व्यक्त की है और और कहां है कि इससे तुरंत निपटने की आवश्यकता है।
केंद्र ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वह अस्पतालों में दवाइयां, ऑक्सीजन की उपलब्धता, वैक्सीनेशन जैसी तैयारियों का भी जायजा ले।
केन्द्र का निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने एक पत्र लिखकर राज्य सरकारों से कहा कि पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 की दर में काफी कमी आई है लेकिन कुछ राज्य में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि एक चिंताजनक मुद्दा है जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
भूषण ने आगे कहा कि नए मामलों की कम संख्या अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में कमी, और कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद सतर्क रहने और परीक्षण ट्रैक उपचार की 5 गुना रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। वही उन्होंने कहा कि, टीकाकरण कोविड-19 व्यवहार का पालन करने की भी बेहद जरुरत है।
किन लोगों को है H3N2 से ज्यादा खतरा
राजेश भूषण ने कहा कि एच1एन1, एच3एन2, एडेनोवायरस आदि के लिए यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और सह-रुग्णता से पीड़ित या कमजोर लोगों को इस वायरस से सबसे अधिक जोखिम है।
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