विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea) में पहले मारबर्ग रोग (Marburg Virus) के प्रकोप की पहचान की है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक इबोला से जुड़े इस संक्रमण से देश में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जब इक्वेटोरियल गिनी से नमूने सेनेगल की एक लैब में भेजे गए तब स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस महामारी की पुष्टि की।
अफ्रीका के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मात्शिदिसो मोएती ने कहा, "बीमारी की पुष्टि करने में इक्वेटोरियल गिनी के अधिकारियों द्वारा तेजी से और निर्णायक कार्रवाई के लिए धन्यवाद, आपातकालीन प्रतिक्रिया में तेज़ी लाई जा रही है, ताकि हम जान बचा सकें और वायरस को जल्द से जल्द रोक सकें।"
Today, #EquatorialGuinea 🇬🇶 confirmed its first-ever outbreak of #Marburg virus. Preliminary tests carried out following the deaths of at least 9 people in the country’s western Kie Ntem Province turned out positive for the viral haemorrhagic fever 👉🏿 https://t.co/bcsL4Iusaz pic.twitter.com/sIbiLlNHW6
— WHO African Region (@WHOAFRO) February 13, 2023
Marburg Virus: आखिर क्या है ये बीमारी ?
मारबर्ग वायरस बीमारी (Marburg Virus) एक अत्यधिक वायरल संक्रमण है जो हेमरैजिक बुखार का कारण बनता है। इस बीमारी की मृत्यु दर 88 प्रतिशत है। यह बीमारी इबोला वायरस परिवार के कारण होती है।
जानिए Marburg Virus के लक्षण
मार्बर्ग वायरस बीमारी (Marburg Virus) की तीव्र शुरुआत तब होती है जब रोगी को उच्च तापमान और गंभीर सिरदर्द का अनुभव होता है। 7 दिनों के भीतर, कई व्यक्तियों को गंभीर हेमरैजिक बुखार के लक्षण भी दिखाई देते हैं।
कैसे फैलती है ये बीमारी ?
मारबर्ग, इबोला की तरह, चमगादड़ों के सीधे संपर्क से लोगों में फैलता है। यानी जिस तरह कोरोना वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति या पदार्थ से फैल सकता है, उसी तरह मारबर्ग बीमारी भी फैल सकती है। वर्तमान में इस वायरस के इलाज के लिए कोई टीकाकरण या एंटी-वायरल दवा उपलब्ध नहीं है।
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