माले, मालदीव में भारत से उपहार में मिले डोर्नियर और हेलीकॉप्टरों को उड़ाने वाले असैन्य कर्मियों की पहचान के सार्वजनिक होने का खतरा बढ़ गया है। मालदीव के सूचना आयुक्त कार्यालय (ICOM) ने रक्षा मंत्रालय को उपहार में मिले सैन्य विमानों को ऑपरेट करने वाले भारतीय सैनिकों की जगह आए असैन्य कर्मियों की जानकारियों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। दरअसल यह आदेश मालदीव की मीडिया अधाधु की एक सूचना के अधिकार पर जारी किया गया है।
आरटीआई से मांगी गई जानकारी
अधाधु ने 12 मई को मालदीव के सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक अनुरोध दायर किया ताकि पता लगाया जा सके कि उन्हें नागरिक के रूप में कैसे पुष्टि की गई, उनका विवरण और उन्होंने सैन्य विमान कैसे संचालित किया। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने उनकी प्रोफ़ाइल, आयु, लिंग और क्या उन्होंने पहले भारतीय सेना में सेवा की थी, इस पर जानकारी को क्लासिफाइड करने का फैसला किया। मंत्रालय ने 17 नवंबर, 2023 से विमान द्वारा की गई यात्राओं की संख्या को भी वर्गीकृत करने का फैसला किया।
विदेश मंत्रालय को समझौते को खोजने का आदेश
इसके अतिरिक्त, आईसीओएम ने विदेश मंत्रालय को "नागरिकों" पर भारत के साथ हुए किसी भी समझौते को खोजने का निर्देश दिया क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह जानकारी विदेश मंत्रालय के पास होगी। राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने के वादे के साथ जीत हासिल की थी। उन्होंने 17 नवंबर, 2023 को पदभार ग्रहण करने के बाद यह काम शुरू किया, लेकिन विमान उस तारीख के बाद भी संचालित किया गया।
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