भारत सरकार आगामी भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में कृषि क्षेत्र की पूरी तरह से रक्षा करने के लिए ‘कड़ा रुख’ अपनाने जा रही है, जबकि ऑटो और गैर-जेनेरिक फार्मा जैसे गैर-कृषि क्षेत्रों में शुल्क में कटौती पर सहमति बनने की संभावना है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस उच्चस्तरीय वार्ता का नेतृत्व वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा करेंगे। ये तीनों अधिकारी अमेरिकी समकक्षों से बातचीत में भाग लेंगे, जिसमें अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 26% टैरिफ और संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
सूत्रों के अनुसार, भारत का लक्ष्य ऐसा समझौता करना है जो दोनों देशों के लिए लाभकारी हो। इसके तहत अमेरिका की प्रमुख चिंताओं को संबोधित करते हुए भारतअपनी घरेलू प्राथमिकताओं से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत अमेरिका से तेल, गैस, मशीनरी और चिकित्सा उपकरणों की खरीद बढ़ाने को भी तैयार है।
कृषि भारत के लिए एक संवेदनशील क्षेत्र है, जिस पर 70 करोड़ से अधिक लोग निर्भर हैं। सरकार कृषि आयात को नियंत्रित करने के लिए 0 से 150% तक टैरिफ लगाती है, ताकि ग्रामीण आबादी की आजीविका सुरक्षित रह सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम किसानों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे, लेकिन ऑटो जैसे कुछ क्षेत्रों में टैरिफ में कटौती की गुंजाइश जरूर है।”
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