भारतीय मूल के काश पटेल औपचारिक रूप से अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के नए निदेशक बन गए हैं। अमेरिकी सीनेट ने काश पटेल को नए निदेशक के रूप में मंजूरी दे दी। पटेल (44) एफबीआई का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय अमेरिकी हैं। पटेल की नियुक्ति को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, डेमोक्रेट्स को उनकी योग्यताओं पर संदेह है और डर है कि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेशों पर काम करेंगे और उनके विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।हालांकि नियुक्ति के बाद काश पटेल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
पटेल के बयान से डेमोक्रेट्स में चिंता
नियुक्ति के बाद काश पटेल ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा एफबीआई में बड़े बदलाव की योजना की बात की है, जिसमें उन्होंने वाशिंगटन में मुख्यालय में पदों की संख्या कम करने और एजेंसी के पारंपरिक अपराध-निरोधक कार्यों पर जोर देने की बात की है। लेकिन उनके कुछ बयानों ने डेमोक्रेट्स के बीच चिंता पैदा की है। उन्होंने कहा था कि वहट्रंप विरोधी "षड्यंत्रकारियों" के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यह बयान डेमोक्रेट्स के लिए चिंता का विषय बना क्योंकि उन्हें लगता है कि पटेल संघीय सरकार और मीडिया में विपक्षी आवाजों को दबाने के लिए काम करेंगे।
सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने किया समर्थन
सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने एफबीआई चीफ के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पसंदीदा काश पटेल का समर्थन किया। सीनेट ने नामांकन को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी लाइन के आधार मतदान किया। इसके बाद उनके नाम पर 30 घंटे तक बहस हुई और फिर सीनेट से काश पटेल को मंजूरी मिल गई।
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