अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल मार्च में अमेरिकी संसद में दिए अपने भाषण में इस्राइल के आयरन डोम सुरक्षा कवच की तर्ज पर ही अपने देशमें एक गोल्डन डोम बनाने का प्रस्ताव रखा था। मंगलवार को उन्होंने इस सिस्टम की तैनाती को लेकर मंजूरी भी दे दी। ट्रंप ने कहा, 'हम गोल्डन डोम मिसाइल डिफेंस शील्ड के बारे में ऐतिहासिक घोषणा कर रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जो हम चाहते हैं। रोनाल्ड रीगन इसे कई साल पहले ही चाहते थे, लेकिन उनके पास तकनीक नहीं थी।' यह योजना अमेरिका की पहली ऐसी प्रणाली होगी जिसमें अंतरिक्ष में हथियार तैनात किए जाएंगे।
ट्रंप ने गोल्डन डोम को लेकर क्या बताया
गोल्डन डोम मिसाइल डिफेंस शील्ड से जुड़ी घोषणा को लेकर व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक वीडियो संदेश में ट्रंप ने कहा, 'यह कुछ ऐसा है जो हमारे पास होगा। हम इसे उच्चतम स्तर पर रखने जा रहे हैं।' ट्रंप प्रशासन के मुताबिक डोम की लागत 175 बिलियन डॉलर आएगी।
अमेरिका को अचानक क्यों याद आई इस्राइल जैसी रक्षा व्यवस्था बनाने की याद
ऐसा नहीं है कि अमेरिका के पास अब तक किसी भी तरह के हमले के लिए कोई रक्षाकवच नहीं है। अमेरिका ने अपने आसपास पूर्वी तट और अटलांटिक महासागर मेंकिसी खतरे से निपटने के लिए यूएस फ्लीट फोर्स कमान की तैनाती की है। वहीं, जमीनी क्षेत्रों में अमेरिका ने दूसरे देशों से लगती अपनी सीमाओं ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अलग-अलग जगहों पर सैन्य, नौसैन्य और वायुसेना के लिए बेस कैंप भी बनाए हैं। इससे अमेरिकी सेना पूरी दुनिया में किसी भी क्षेत्र में कुछ घंटों के अंदर ही हमले करने और किसी खतरे से खुद का बचाव करने में सक्षम है। हालांकि, यह टुकड़ियां पूरा हवाई क्षेत्र कवर नहीं करतीं। यानीकई ऐसे क्षेत्र भी हैं, जो कि अमेरिकी सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए ब्लाइंड स्पॉट हैं। ऐसे में दुश्मन इन क्षेत्रों की पहचान कर के या आसानी से रडार की पकड़ में न आने वाले हथियारों के जरिए उसे निशाना बना सकता है।
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