शुक्रवार सुबह इज़रायल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका इन हमलों में शामिल नहीं है। 'द व्हाइट हाउस' के एक्स हैंडल पर उन्होंने कहा—‘आज रात (अमेरिकी समय अनुसार), इज़रायल ने ईरान पर एकतरफा कार्रवाई की है। अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं है। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।’
हमारी सेना की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं- राष्ट्रपति ट्रंप
उन्होंने आगे कहा, “इजरायल ने हमें बताया कि उनके मुताबिक यह कार्रवाई उनकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रशासन ने हमारी सेना की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और हमारे क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संपर्क में बने हुए हैं। मैं स्पष्ट कर दूं- ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।”ये हमले तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके कथित खतरे को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हुए, जिससे ईरान में तनाव काफी बढ़ गया है। इसके साथ ही लंबे समय से चले आ रहे प्रतिद्वंद्वियों के बीच व्यापक संघर्ष की आशंका भी बढ़ गई है।
तेहरान के कई हिस्सों में जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं
ईरानी स्टेट मीडिया के अनुसार शुक्रवार की सुबह राजधानी तेहरान के कई हिस्सों में जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। ईरान के स्टेट ब्रॉडकास्टर ‘आईआरआईबी’ ने बताया है कि विस्फोटों के स्रोत की अभी तक आधिकारिक रूप से पहचान नहीं की गई है, हालांकि अटकलें लगाई जा रही हैं कि इजरायली हमलों का मकसद सैन्य ढांचों या न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाना हो सकता है। इससे पहले सोमवार को, ईरान के शीर्ष सुरक्षा निकाय ने चेतावनी दी थी कि अगर इस्लामिक गणराज्य पर सैन्य हमला होता है, तो उसके सशस्त्र बल तुरंत इजरायल की ‘गुप्त परमाणु सुविधाओं’ को निशाना बनाएंगे।
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