अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग सभी अमेरिकी व्यापारिक साझेदार देशों पर दूरगामी प्रभाव वाले नए शुल्क लगाने की घोषणा की। इसमें चीन से आयात पर 34 प्रतिशत कर और यूरोपीय संघ और अन्य पर 20 प्रतिशत कर तथा भारत पर व्यापक रूप से 26 प्रतिशत का ‘रियायती जवाबी शुल्क' लगाया गया है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था की संरचना के काफी हद तक ध्वस्त होने और व्यापक व्यापार युद्ध शुरू होने का खतरा है। ट्रंप इन आयात करों को ‘‘जवाबी शुल्क'' कहते हैं और इनकी सीमा 10 प्रतिशत से 49 प्रतिशत तक है। अमेरिका अपने व्यापारिक साझेदारों पर उतना ही शुल्क लगाएगा जितना वे लगाएंगे। ट्रंप के अनुसार, ये देश दशकों से अमेरिका के साथ यही करते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “करदाताओं को 50 से अधिक वर्षों से लूटा जा रहा है- लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है।” राष्ट्रपति ने वादा किया कि करों के परिणामस्वरूप अमेरिका के कारखानों में नौकरियां वापस आएंगी, लेकिन उनकी नीतियों से अचानक आर्थिक मंदी का खतरा है क्योंकि उपभोक्ताओं और व्यवसायों को कीमतों में भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने इसे न केवल एक आर्थिक मुद्दा बताया, बल्कि इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न भी बताया, जो ‘‘हमारी जीवन-शैली'' के लिए खतरा है। ट्रंप की इस घोषणा के बाद वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल मच गई।
Comments (0)