अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे और आखिरी कार्यकाल में ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। इससे दुनिया में काफी उथलपुथल देखी जा रही है। लेकिन भारत के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अडानी को उन्होंने काफी राहत दी है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अडानी ग्रुप अमेरिका में बड़ा निवेश करने की अपनी योजनाओं को फिर से शुरू कर रहा है। अडानी पर लगे आरोपों के बीच इसे काफी अहम माना जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप अमेरिका में कई सेक्टरों में फंडिंग में फिर से दिलचस्पी दिखा रहा है। इनमें न्यूक्लियर एनर्जी, यूटिलिटीज और पूर्वी तट पर एक बंदरगाह शामिल है।
अमेरिका में निवेश
अडानी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि फरवरी की शुरुआत में ट्रंप फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट पर रोक लगा दी थी। इससे अडानी ग्रुप बड़ी राहत मिली है। इससे यह उम्मीद जगी है कि उनके खिलाफ कानूनी चुनौतियां खत्म हो सकती हैं। हालांकि अमेरिकी नागरिक नहीं होने के कारण अडानी सीधे तौर पर इस कानून के तहत आरोपित नहीं थे। यह कानूनउन अन्य लोगों के खिलाफ आरोपों का आधार है जो कथित तौर पर इसमें शामिल थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
क्या कहते हैं जानकार
अमेरिका में मुकदमेबाजी अडानी ग्रुप के लिए बड़ा जोखिम हो सकती है। वॉशिंगटन में विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने कहा कि अगर अडानी के खिलाफ आरोप खारिज हो जाते हैं, तो ग्रुप अमेरिका में अपने निवेश को आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि अडानी के पास काफी वेल्थ है और मोदी सरकार के साथ उनके मजबूत संबंध हैं। इसे देखते हुए ट्रंप उन्हें हाथों-हाथ ले सकते हैं।
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