अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) भारत के 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए इंजन बनाने की दौड़ में शामिल होना चाहती है। जीई के चेयरमैन और सीईओ लैरी कल्प ने एक इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत, जीई के लिए नागरिक और रक्षा दोनों तरह के एयरोस्पेस कारोबार के लिए बहुत महत्वपूर्ण बाजार है। लैरी कल्प ने कहा, 'हम इसमें बहुत रुचि रखते हैं।' इसके लिए उन्होंने स्वदेशी तेजस विमान के लिए 404 इंजन बनाने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बहुत मजबूत संबंध हैं। इसलिए जीई यहां है और हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।
तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान के निर्माण में भी प्रगति
लैरी कल्प ने भारत में आगे और भी ज्यादा काम करने की इच्छा जताई है। जीई, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान के लिए जेट इंजन की डिलीवरी भी बढ़ा रहा है। यह काम काफी समय से रुका हुआ है। मार्च में, जीई ने 99 एफ-404 इंजनों में से पहला इंजन एचएएल को दिया। यह डिलीवरी लगभग दो साल की देरी से हुई।
मांग की वजह से कुछ समय के लिए सप्लाई चेन की समस्या
भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में जरूरी सैन्य उपकरणों की खरीद में देरी पर चिंता जताई थी और उन्होंने इसके लिए समय-सीमा निर्धारित करने पर जोर दिया था। दरअसल, सैन्य उपकरणों और फाइटर जेट की उपलब्धता में देरी हो रही है, क्योंकि कंपनियां उत्पादन नहीं बढ़ा पा रही हैं। इससे सशस्त्र सेना को अपनी तैयारी में मुश्किलें आती हैं। कल्प ने कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इसमें अभी समय लगेगा।
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