


इस वर्ष देश को पिछले 110 वर्षों में सबसे तीव्र सर्दी का सामना करना पड़ सकता है। ऊपरी हिमालय का लगभग 86 प्रतिशत हिस्सा बर्फ की मोटी चादर से ढक चुका है। मौसम विभाग के अनुसार हाल ही में सक्रिय हुए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते पूरे हिमालयी क्षेत्र का तापमान औसतन 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे बर्फ पिघल नहीं रही है। विशेषज्ञों के अनुसार यह पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक संकेत है। 4000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, कश्मीर और नेपाल के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी दर्ज की गई है।
दिसंबर में सक्रिय होगा ला-नीना प्रभाव
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस वर्ष दिसंबर में ला-नीना प्रभाव सक्रिय हो सकता है, जिसके चलते भारत में ठंड और वर्षा दोनों में वृद्धि होने की संभावना है। इसके प्रभाव से उत्तर-पूर्व और मध्य भारत में औसत तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 122 वर्षों में भारत का औसत तापमान 0.99 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है, लेकिन इस बार इसमें 0.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।