


भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मौजूदा कार्यकाल पूरा होने के बाद अब पार्टी को नया चेहरा मिलने वाला है। इस बार का चयन बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि आने वाले समय में कई राज्यों के चुनाव और संगठन की रणनीति उसी नेतृत्व पर निर्भर करेगी।
नामों की सूची में सबसे आगे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम चल रहा है। संगठनात्मक अनुभव, संघ से गहरा जुड़ाव और प्रधानमंत्री की पहली पसंद बताए जाने के कारण उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी चर्चा में है, हालांकि उन्होंने खुद को फिलहाल इस दौड़ से अलग बताते हुए कहा है कि उनका ध्यान किसानों और कृषि क्षेत्र पर है।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव जैसे नेताओं के नाम भी तेजी से उभर रहे हैं। संगठन और सरकार दोनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले ये चेहरे लंबे समय से पार्टी में मजबूत पकड़ रखते हैं। इनके चयन से संगठनात्मक संतुलन और राजनीतिक अनुभव दोनों को साधने की संभावना देखी जा रही है।
आखिरकार, यह फैसला सिर्फ नाम पर नहीं बल्कि पार्टी की आगामी रणनीति, संघ की प्राथमिकताओं और राजनीतिक समीकरणों पर आधारित होगा। चाहे खट्टर हों, शिवराज या फिर कोई और—जो भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा, वही भाजपा की भविष्य की दिशा और संगठनात्मक ऊर्जा का मार्गदर्शक होगा।