


भगवान शिव को श्रावण और भादो मास अति प्रिय हैं। यही कारण है कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव हो जाता है। बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटा पहले जागते हैं। लगभग डेढ़ महीने तक मंदिर में भस्म आरती बदले हुए समय के अनुसार ही चलती रही, लेकिन राजसी सवारी के बाद आज मंगलवार से इस व्यवस्था में बदलाव हो गया है। अब बाबा महाकाल की भस्म आरती पहले की तरह सुबह 4 बजे की जाएगी।
महाकाल मंदिर के पुजारी ने बताया कि आज भादौ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि, यानी 19 अगस्त से बाबा महाकाल की भस्म आरती के समय में बड़ा बदलाव हुआ है। अब बाबा महाकाल की प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती सुबह 4 बजे से ही शुरू होगी। आज सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती की शुरुआत चांदी द्वार के पास स्थित भगवान मानभद्र और वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोलकर की गई। इसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक तथा केसर युक्त जल अर्पित किया गया। फिर बाबा महाकाल का भांग और मावे से श्रृंगार कर आभूषण पहनाए गए। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा को भस्म अर्पित की गई। कहा जाता है कि भस्म आरती में बाबा महाकाल निराकार से साकार स्वरूप में दर्शन देते हैं।