


खाद्य विभाग ने इ-केवायसी के दौरान गरीबों का हक मार रहे अमीरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीडीएस सिस्टम में राशन वितरण व्यवस्था में बड़ी खामी सामने आई है। प्रदेशभर में राशन लेने वाले 12 हजार 640 आयकरदाताओं को नोटिस भी भेजे जा चुके हैं। नोटिस के बाद प्रदेशभर में अब तक दो हजार से अधिक ने गरीबी रेखा कार्ड सरेंडर करने का आवेदन दिया है।
खाद्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
प्रदेश में गरीबों का राशन आयकरदाता डकार रहे हैं। इसका खुलासा खाद्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। ई-केवाईसी के दौरान खाद्य विभाग ने आयकर रिटर्न भरने वाले ऐसे एक लाख 65 हजार लाभार्थियों को चिह्नित किया है, जो हर माह पीडीएस का राशन ले रहे हैं। सबसे अधिक इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन जिले में आयकरदाता गरीबों का राशन डकार रहे हैं। अकेले खंडवा में 1,800 संदिग्ध चिह्नित किए गए हैं।
एक हजार को नोटिस, बीस ने किया सरेंडर
शासन के पास पहुंची रिपोर्ट के अनुसार अकेले खंडवा में राशन लेने वाले अब तक 1800 संदिग्ध चिह्नित किए गए हैं। अब तक एक हजार से अधिक को नोटिस जारी की जा चुकी है। 20 से अधिक ने गरीबी रेखा का कार्ड सरेंडर करने का आवेदन दिया है। कइयों ने तो बचाव में जिला आपूर्ति अधिकारी और एसडीएम कार्यालय में संपर्क शुरू कर दिया है।
उपज बेचने वाले हजारों किसान भी संदिग्ध
खाद्य विभाग के पोर्टल में आयकरदाताओं के साथ ही ऐसे किसानों के नाम चिह्नित किए गए हैं जो हर साल कृषि मंडी और समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान और सोयाबीन विक्रय कर रहे हैं। चिह्नित कृषकों की लिस्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही जिला व ब्लाक स्तर पर जारी की जाएगी। सत्यापन के बाद पोर्टल से नाम विलोपित करने की तैयारी की है।