


इंदौर के सत्कार गर्ल्स हॉस्टल में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही कटनी की अर्चना तिवारी के लापता होने का मामला सुलझ गया है। पुलिस के लिए 'मिस्ट्री गर्ल' बनी अर्चना तिवारी को 13 दिन बाद जीआरपी ने उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा के पास लखीमपुर खीरी जिले से बरामद कर लिया है। अर्चना को लेकर जीआरपी की टीम भोपाल पहुंच गई है। उसके परिजन भी भोपाल पहुंच चुके हैं।
जीआरपी सूत्रों के अनुसार, अर्चना तिवारी के परिजन उस पर शादी का दबाव बना रहे थे, जबकि अर्चना फिलहाल शादी के लिए तैयार नहीं थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अर्चना किसी मनपसंद युवक से शादी करना चाहती थी या करियर बनाने के लिए कुछ साल शादी नहीं करना चाहती थी। सूत्रों के मुताबिक, रक्षाबंधन पर परिजनों ने उसे इसलिए बुलाया था ताकि उसकी मुलाकात एक लड़के और उसके परिजनों से कराई जा सके। अर्चना को लगा कि परिजन शादी के लिए ज्यादा दबाव डाल रहे हैं, इसलिए उसने लापता होने की योजना बनाई।
लापता होने में इंदौर के करीबी दोस्त की भूमिका
जीआरपी सूत्रों के अनुसार, अर्चना के लापता होने में उसके एक करीबी दोस्त ने पूरी मदद की। उक्त युवक इंदौर में रहता है और अर्चना उससे शादी करना चाहती थी। अर्चना के परिजन इस बात से वाकिफ थे, इसलिए वे उसकी शादी जल्द से जल्द अपनी बिरादरी में करना चाहते थे। करियर बनाने की बात कहकर अर्चना अब तक शादी टालती आ रही थी, लेकिन जब परिजन उसे और समय देने के लिए तैयार नहीं हुए, तो उसने लापता होने की योजना बनाई।
दूसरे मोबाइल से संपर्क में थी अर्चना
सूत्रों के मुताबिक, अर्चना के पास एक स्मार्टफोन था, जो उसके परिजनों ने उपलब्ध कराया था। इस नंबर की जानकारी परिजनों और रिश्तेदारों के पास थी। इसके अलावा अर्चना के पास एक कीपैड मोबाइल भी था, जिसके जरिए वह अपने इंदौर निवासी करीबी दोस्त से संपर्क में रहती थी। लापता होने के बाद भी अर्चना इसी कीपैड मोबाइल से उससे संपर्क में थी। इस मोबाइल के बारे में अर्चना के परिजनों को जानकारी नहीं थी।