


इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी करने वाली कटनी की अर्चना तिवारी पिछले 12 दिन से लापता है। रक्षाबंधन वाले दिन घर से निकली अर्चना चलती ट्रेन से लापता हो गई थी। अर्चना की आखिरी लोकेशन पुलिस को भोपाल मिल थी, जबकि अर्चना के पास इंदौर से ग्वालियर तक का टिकट था। 12 दिन की खोजबीन के बाद अब अर्चना तिवारी केस में ग्वालियर का नया कनेक्शन निकलकर सामने आया है। पुलिस को जांच में पता चला है कि अर्चना के लापता होने से पहले तक ग्वालियरके एक आरक्षक राम तोमर से लगातार संपर्क था।
अर्चना तिवारी लापता केस में आरक्षक राम तोमर को जीआरपी ने हिरासत में लिया है। वह भंवरपुर थाने में तैनात है। बताया गया कि कोरोना के समय में राम तोमर को सम्मानित भी किया गया था। अब अर्चना तिवारी मामले में उसकी भूमिका संदिग्ध होने के चलते रेल पुलिस उसको हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। अर्चना के कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस को आरक्षक और अर्चना की लंबी बातचीत का पता चला है। दोनों में क्या संबंध में पुलिस इसका पता लगाने में जुटी है। सवाल ये भी उठता है कि आखिर राम तोमर ने अर्चना तिवारी का भोपाल से ग्वालियर का टिकट क्यों करवाया? आरक्षक राम तोमर से जीआरपी की टीम ने देर रात तक पूछताछ की। हालांकि अभी तक उसकी भूमिका को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।