


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा है कि सोमवार से आपराधिक मामलों की सुनवाई की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ बंद हो जाएगी। अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है।
याचिका में कहा गया था कि कार्यवाही की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ का सोशल मीडिया पर दुरुपयोग किया जा रहा है और गलत तरीके से इसे पेश किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने एक अंतरिम आदेश में कहा कि रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली सभी पीठों की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ तत्काल बंद करे।
15 सितंबर से लागू होगा यह आदेश
अदालत ने कहा कि यह आदेश 15 सितंबर से लागू होगा। जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अरिहंत तिवारी ने बताया कि हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की है। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि कई निजी संस्थाओं द्वारा रील, क्लिप और मीम बनाकर अदालती कार्यवाही की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ का दुरुपयोग किया जा रहा है। अरिहंत ने कहा कि मैंने अदालत को यह भी बताया कि कुछ अनुमानों के अनुसार, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ऑनलाइन कार्यवाही को देश में सबसे अधिक देखा गया था।