


भारतीय सशस्त्र सेनाओं और सरकार की ओर से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे लगता है कि पहलगाम के गुनहगारों और उनके आकाओं को मिट्टी में मिलाने का ब्लू प्रिंट तैयार है और किसी भी वक्त इसके नतीजे देखने को मिल सकते हैं। तीनों सेनाओं के प्रमुख बारी-बारी से अपनी ऑपरेशनल तैयारियों और सीमा पर सुरक्षा की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दे रहे हैं। जहांतक कूटनीतिक स्तर की बात है तो भारत ने पूरे विश्व को समझा दिया है कि जान उसके नागरिकों की गई है तो उसे अंजाम देने वालों को कब और किस तरह से सजा मिलेगी, यह भी वही तय करेगा। मतलब साफ है कि हमारी सशस्त्र सेना हर स्थिति का मुकाबला करने के लिए कमर कस चुकी है।
पाकिस्तान पर 3 तरह से एक्शन के संकेत
मोदी सरकार के कार्यकाल में पिछली दो बार भारत ने दो अलग-अलग तरह से पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। पहली बार उरी हमले के बदले में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की गई। इसमें भारतीय सेना ने कमांडो एक्शन किए। यानी PoK के कुछ किलोमीटर तक घुसकर थल सैनिकों ने आंतकी ट्रेनिंग कैंपों और टेरर लॉन्च पैड तबाह किए। फिर पुलवामा हमले का जवाब भारतीय वायुसेना ने 80 किलोमीटर से भी ज्यादा पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करके दिया और उन्हें तबाह करके लौटे। लेकिन, इस बार की तैयारियों से लगता है कि थल सेना, वायु सेना और नौ सेना तीनों अपनी ओर से अलग-अलग या एक साथ धावा बोलने को तैयार हैं।