


अमेरिका का ट्रंप प्रशासन अब्राहम अकॉर्ड के विस्तार के लिए तेजी से काम कर रहा है। इस बार वह भारत के दुश्मन देश के साथ इजरायल की दोस्ती कराने की तैयारी कर रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन अब्राहम अकॉर्ड में शामिल होने के लिए अजरबैजान के साथ चर्चा कर रहा है। इसमें कुछ मध्य एशियाई देशों को भी शामिल करने की योजना है, जिसका उद्येश्य इजरायल के साथ संबंधों को मजबूत करना है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान 2020 और 2021 में अब्राहम अकॉर्ड के तहत चार मुस्लिम बहुल देशों ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को सामान्य बनाया था।
अजरबैजान और मध्य एशिया के हर देश के इजरायल के साथ पहले से ही लंबे समय से संबंध हैं, जिसका मतलब है कि उन्हें समझौते में शामिल करने का असर काफी हद तक प्रतीकात्मक होगा। इसमें व्यापार और सैन्य सहयोग जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है, जब गाजा को लेकर खाड़ी के मुस्लिम देशों में गुस्सा है। यह दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन सऊदी अरब जैसे देशों की बजाय अब उन देशों की तरफ रुख को दिखाता है, जो इजरायल के साथ संबंध बहाल करने के प्रति सकारात्मक हैं।
सऊदी अरब की इजरायल से दूरी
सऊदी अरब ने बार-बार कहा है कि वह इजरायल को तब तक मान्यता नहीं देगा, जब तक वह फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता है। गाजा में बढ़ती मौतों और मानवीय सहायता संकट और इजरायल के सैन्य अभियानों के चलते इस क्षेत्र में भुखमरी की खबरों ने अरब देशों को गुस्से में ला दिया है। इससे अब्राहम देशों में मुस्लिम बहुल देशों को जोडने के प्रयास जटिल हो गए हैं।